CAA Law 10 Facts : आप सभी को जैसा की पता है , यहाँ भारत में जो की नागरिकता संशोधन के अधिनियम (CAA) के नियमों की जो अधिसूचना अब जारी हो चुकी है। और इसपर अब हमारे केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा ये आज सोमवार को शाम करीब 6 बजे जो की CAA के कुल नियमों को लेकर अब अधिसूचना जारी की गई है । जैसा की CAA जो की नागरिकता के संशोधन कानून को लागू होने से ये भारत से सटे सिमा देश बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जो आए हुए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को अब जो की बहुत ही आसानी से भारत में अब नागरिकता मिल सकती है ।
ये CAA Law के नियम और इसके प्रावधान क्या और कैसे है आईये हम इनके बारे में पूरी विस्तार से जानते है और आपके किसी तरह के सवाल है तो उसके उत्तर भी ढूंढ़ने की कोशिश करते है ।
जैसा की अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जो ये नागरिकता (संशोधन) के अधिनियम 2019 यानी की CAA के लिए ये जो अधिसूचना जारी की है । अब इसके साथ ही CAA Law जो की अभी देशभर में ये लागू हो रहा है। ये CAA जो की नागरिकता के संशोधन कानून कहा जाता है। अब इससे भारतीय सीमा से लगे देश बांग्लादेश पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से आए हुए जोभो गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को जो की अब नागरिकता मिलने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। तो जानिए इनसे जुड़ी 10 बड़ी बातें
सीएए का फुल फॉर्म क्या है | What is CAA Law ?
1. आपको बता दे की ये सीएए का फुल फॉर्म जो की नागरिकता (संशोधन) अधिनियम है। The Citizenship Amendment Act (CAA) नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और ये एक ऐसा कानून है, जो की इसके तहत दिसंबर 2014 से पहले ये तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश , पाकिस्तान,और अफगानिस्तान से जो भी भारत में आने वाले कुल छह धार्मिक जो की अल्पसंख्यकों जैसे की (हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी ,जैन,और ईसाई ) इनको अब भारत की नागरिकता दी जाएगी।
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2. आज 11 मार्च 2024 को इस CAA Law के अनुसार नागरिकता (संशोधन) के अधिनियम 2019 की अधिसूचना को अभी जारी कर दी है। और CAA सीएए के नियमों का जो ये उद्देश्य है वो गैर-मुस्लिम प्रवासियों जिनमें जैन, बौद्ध ,हिंदू, सिख,पारसी और ईसाई को अब भारतीय नागरिकता मिलने जा रहा है।
3. और आपको ये भिओ बता दे की ये सिर्फ और सिर्फ उनके लिए है जो की पाकिस्तान ,बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 , से पहले जो भी भारत में आये जिहोने ने भारत में शरण लिया , ये तीन देशो की उन लोगो जो की अब CAA का आवेदन पर पाएंगे और उसके योग्य होंगे।
4. एक सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यह है की ये जो CAA Law बनाने से पहले ही पूरी तरह से तैयार कर लिए गए थे की , इसके लिए आवेदन की जो भी प्रक्रिया है वो पूरी तरह से इसको ऑनलाइन Online रखा गया है इसमें आपको ये बताना होगा की आप भारत में कब आये, और इसको आवेदन करने के लिए किसी भी प्रकार की कोई अतिरिक्त डाक्यूमेंट्स की जरुरत नहीं पड़ेगी , और इसकी सारी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी जिससे की किसी को भी परेशानी न हो।
5. पिछले दो वर्षों के दौरान नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की क्षमता प्रदान की गई।
6. आपको बता दे की नौ राज्यों में कुल 30 से भी ज्यादा जिला मजिस्ट्रेटों और जो भी गृह सचिवों को उस अधिनियम से 1955 के तहत जो भी पाकिस्तान ,अफगानिस्तान और बांग्लादेश आये हुए हिंदुओं, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों सिखों, बौद्धों, को अब नागरिकता प्रदान कर के लिए पूरी तरह से क्षमता प्रदान की गई।.
सीएए कानून कब पारित हुआ था ? CAA Law
आप सभी रीडर्स को बता दे की ये देश के गृह मंत्री अमित शाह जी ने 9 दिसंबर को इसको लोकसभा में उनके द्वारा पेश किया था। और ये CAA Law नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (सीएए) जो की ये संसद में इसको करीब 11 दिसंबर 2019 को ही पारित किया गया था। और CAA Law के पक्ष में कुल 125 वोट पड़े थे और इसके अलवा 105 वोट जो की इसके खिलाफ गए थे, ये 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति के द्वारा इसकी मंजूरी मिल गई थी।
भारत के नागरिकता को कौन प्राप्त नहीं कर सकता है?
आपको बता दे की ‘प्रवासन’ है, प्रवासन के द्वारा जो की कोई भारत की नागरिकता को प्राप्त नहीं कर सकता है ,आपको बता दे की नागरिकता का मतलब ये की किसी भी व्यक्ति को जो की किसी विशेष देश का उसे और सदस्य/नागरिक होने का दिया गया दर्जा है , जो की भारत में के वयति के और उसके कुछ अधिकारों को दर्शाता है , और उसके नागरिकता की स्थिति पर ही पूरी तरह से निर्भर करता है
CAA का पूरा मतलब क्या है?
आपको बता दे की ये सीएए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम है। जो की The Citizenship Amendment Act (CAA) नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 ये एक ऐसा कानून है, जो की इसके तहत दिसंबर 2014 से पहले ये तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश , पाकिस्तान,और अफगानिस्तान से जो भी भारत में आने वाले कुल छह धार्मिक जो की अल्पसंख्यकों जैसे की (हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी ,जैन,और ईसाई ) इनको अब भारत की नागरिकता दी जाएगी। CAA Law
आपको बता दे की ये जो कानून है ये मुस्लिम समूहों का ये कहना है की , ये जो कानून बनाया जा रहा है , ये नागरिको को प्रस्तावित राष्ट्रीय रजिस्टर से मिलकर
इस सीएए कानून का विरोध क्यों किया जाता है?
ये भारत के करीब 200 मिलियन से ऊपर मुसलमानों जो की ये दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम की आबादी के खिलाफ जो की ये भेदभाव कर सकता है कुछ इसका भी डर है , की ये सर्कार जो की ये कुछ सीमावर्ती राज्यों में जो की बिना दस्तावेज़ वाले मुसलमानों की जो नागरिकता है उसको ख़त्म कर सकती है
क्या भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति को सकता है?
क्या संभव है की यहाँ पर नागरिकता संभव है? आपको बता दे की भारतीय संविधान
जो की नागरिकों के लिए इस दोहरी नागरिकता पर ये प्रतिबंध लगाता है। और इस पर कुछ समय जयशंकर ने ये कहा की किस देश में रहने वाले जो भी भारतीयों को ये दोहरी नागरिकता को प्रदान की जानी चाहिए, और इसे लेकर जो की आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियां होती हैं।