Keerthy Suresh कीर्ती सुरेश ने पारंपरिक तमिल रीति-रिवाजों में एंटनी थट्टिल से शादी की, पहनी मदीसर साड़ी: उनके ब्राइडल लुक का विश्लेषण
Keerthy Suresh दक्षिण भारतीय सिनेमा की शादी का मौसम हर साल खास उत्साह और खुशी लेकर आता है। इस बार भी एक और मशहूर हस्ती ने अपनी शादी की खुशियाँ दुनिया के साथ साझा की हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कीर्ती सुरेश ने अपने लंबे समय के साथी और व्यवसायी एंटनी थट्टिल से शादी की है, और उनकी शादी एक पारंपरिक तमिल ब्राह्मण समारोह में हुई।
कीर्ती सुरेश Keerthy Suresh ने अपनी शादी की कुछ झलकियाँ सोशल मीडिया पर साझा की हैं, जिसमें उन्होंने और उनके पति ने अपनी खूबसूरत शादी की तस्वीरें पोस्ट कीं। इन तस्वीरों के साथ उन्होंने #ForTheLoveOfNyke हैशटैग का उपयोग किया, जो उनके रिश्ते और उनके प्यारे कुत्ते नाइके के प्रति एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है। यह हैशटैग इस बात का प्रतीक है कि कैसे नाइके इस जोड़े के लिए एक अहम हिस्सा रहा है और उनकी जिंदगी में खुशी का हिस्सा बना हुआ है।
पारंपरिक तमिल ब्राह्मण शादी Keerthy Suresh
कीर्ती और एंटनी ने अपनी शादी के लिए तमिल ब्राह्मण आयंगर समारोह को चुना, जो दक्षिण भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को दर्शाता है। इस समारोह में पूरी तरह से पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया। जहां एक ओर कीर्ती ने अपनी शादी के दिन अपनी खूबसूरती से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं दूसरी ओर एंटनी ने भी पारंपरिक वेष्टी पहनकर अपनी शादी की महिमा बढ़ाई।
कीर्ती का ब्राइडल लुक Keerthy Suresh
कीर्ती सुरेश ने अपनी शादी में पहनी मदीसर साड़ी, जो एक नौ गज की साड़ी होती है, जिसे आयंगर कत्तू शैली में लपेटा जाता है। यह साड़ी खासतौर पर तमिल ब्राह्मणों द्वारा पहनी जाती है, और यह शादी के दौरान एक पवित्रता और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है। मदीसर साड़ी का पहनने का तरीका बहुत विशिष्ट होता है और इसे सही ढंग से पहनना एक कला है। इस साड़ी को पहनते हुए कीर्ती ने अपनी पारंपरिक खूबसूरती को और भी निखारा।
विजया स्वामीनाथन, जो एक चेन्नई में जन्मी तमिल हैं, Keerthy Suresh उन्होंने इस ड्रेसिंग शैली के महत्व को समझाते हुए कहा कि मदीसर साड़ी आमतौर पर शादीशुदा तमिल ब्राह्मण महिलाओं द्वारा पहनी जाती है। हालांकि इस शैली में कुछ अंतर दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिलता है, जैसे महाराष्ट्र में नावरी साड़ी और तेलुगु ब्राह्मणों की अपनी एक विशिष्ट शैली। मदीसर साड़ी का पहनने का तरीका एक गहरी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है और यह अक्सर धार्मिक और उत्सवों के मौकों पर पहनी जाती है।
मदीसर साड़ी का महत्व
मदीसर साड़ी का महत्व केवल इसके पहनने की शैली में नहीं, बल्कि इसके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक में भी है। यह पारंपरिक रूप से शादी के बाद की महिलाओं का परिधान होता है और इसकी लंबाई और ढंग से पहनने की शैली एक खास धार्मिक और सामाजिक संदेश देती है। मदीसर साड़ी दक्षिण भारतीय विवाहों का एक अहम हिस्सा है और यह उस समुदाय की परंपराओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखने का प्रतीक है।
आज के समय में, मदीसर साड़ी को शायद रोज़ नहीं पहना जाता, लेकिन यह पारंपरिक अवसरों जैसे कि शादी, पूजा, और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में एक खास महत्व रखती है। खासकर दक्षिण भारत में यह एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है, जिसे हर शादी में देखा जाता है।
Keerthy Suresh कीर्ती सुरेश और एंटनी थट्टिल की शादी एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे सिनेमा और संस्कृति का मेल होता है। इस शादी ने ना केवल एक खूबसूरत रिश्ते को दर्शाया, बल्कि पारंपरिक तमिल शादी की सुंदरता और महत्व को भी उजागर किया। कीर्ती ने मदीसर साड़ी पहनकर न केवल अपनी खूबसूरती को निखारा, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी सम्मानित किया।
अगर आप भी इस खास शादी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो उनकी शादी के बाद के अपडेट्स और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर फॉलो करें। #ForTheLoveOfNyke हैशटैग के माध्यम से आप उनकी शादी की और भी खूबसूरत तस्वीरें देख सकते हैं और इस खूबसूरत जोड़े की नई यात्रा को लेकर उनके साथ जुड़ सकते हैं।